बिपाशा बसु का बड़ा खुलासा लाइव आकार किया दर्द बयां ! बेटी के दिल में दो छेद होने की बात बताई !!
जीवन बहुत अजीब होता है उसमें जितना सुख होता है उससे कही ज्यादा या उतना ही दुख भी होता है और वो दुख शौहरत, नाम और पैसा देख कर नहीं आता बल्कि दुख, तकलीफ , परेशानी ये तो हर किसी इंसान को कभी न कभी झेलना पड़ता ही है। अब खुशी के इस माहौल में जहां करण सिंह ग्रोवर और बिपाशा का प्यार परवान चढ़ा था दोनो की जिंदगी में सब कुछ ही बदलने वाला था। दोनों ने शादी की और अपनी लाइफ को खूब एंजॉय किया वहीं बिपाशा और करण शादी के 6 साल बाद नवंबर 2022 में एक प्यारी नन्ही सी बेटी के मां बाप बने और जैसे घर पर लक्ष्मी का आगमन होता है वैसे ही आगमन बिपाशा और करण के घर भी हुआ जिसके बाद उसका नाम देवी रखा गया लेकिन क्या पता था की एक बुरी खबर बिपाशा के दरवाजे पर खड़ी होगी।
बेटी के जन्म के बाद उनके लिए खुशी के साथ एक बड़ा दुख भी लाया था जिसका दर्द कपल ने महीनों तक फैंस से छुपाकर रखा लेकिन अब 8 महीने बाद बिपाशा ने खुलासा किया है कि उनकी बेटी के दिल में छेद था जी हां बिपाशा ने शादी के बाद से और फिर प्रेगनेंट होने के बाद से सिनेमा से दूरी बना ली थी क्योंकि उन्हें अपनी पैरेंटल जिम्मेदारी यानी मदरहुड को जीना था अदाकारा आए दिन अपनी नन्ही परी कि झलक इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर करती रहती थी और सभी बेहद खुश भी थे लेकिन हाल में ही एक्ट्रेस और अपनी करीबी दोस्त नेहा धूपिया के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान बिपाशा ने खुलासा करते हुए बताया कि उनकी बेटी देवी के दिल में दो छेद थे जिसे सुनने के बाद हर कोई दंग रहा बातचीत के दौरान बिपाशा काफी इमोशल हो गईं। अदाकारा ने नम आंखों और भारी आवाज के साथ बताया कि इस खबर के बारे में उन्हें देवी के जन्म के तीसरे दिन पता चल गया था। बिपाशा ने आगे कहा कि, ‘हमारी जर्नी नॉर्मल पैरेंट्स से बिल्कुल अलग रही है। हमारी हंसी के पीछे एक ऐसा दर्द छुपा था, जिसे हम दुनिया के साथ शेयर नहीं करना चाहती थी मैं नहीं चाहूंगी कि किसी मां के साथ ऐसा हो। मुझे मेरी बच्ची के जन्म के तीसरे दिन पता चला था कि उसके दिल में दो छेद हैं पहले तो हमें यह भी समझ नहीं आया कि वीएसडी क्या है इसके बारे में पता चलते ही हम दोनों सुन्न पड़ गए थे।’ ये सब बताते हुए बिपाशा अपने आंसू छुपा नहीं पा रही थी क्योंकि एक मां बाप को ही पता होता है की मुश्किल हालात कैसे संभालने हैं । बिपाशा और करण ने पूरी दुनिया एक कर दी देवी के लिए और देवी का ऑपरेशन किया गया जो करीब 6 घंटे तक चला लेकिन सफल रहा। बिपाशा ने बताया कि पिछले तीन महीने से सब कुछ नोर्मल है लेकिन वो 5 महीने उनके लिए नोर्मल नहीं थे बहुत दिक्कतें आई जिसे दोनो ही बिपाशा और करण ने हो संभाले और एक दूसरे का साथ दिया जिससे देवी को हिम्मत मिले।
क्या है VSD (वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट)
और भी मां जो ऐसे किसी भी हालातों से लड़ रही हैं उनके लिए ये सब जानना जरूरी है।वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (वीएसडी) का मतलब बाएं और दाएं वेंट्रिकल के बीच की दीवार (सेप्टम) में छेद होना है। यह एक सामान्य हृदय रोग है, जो जन्मजात होता है। हृदय के निचले वेंट्रिकल्स को अलग करने वाली दीवार में छेद होता है जिसकी वजह से खून हृदय के बाईं ओर से दाईं ओर जाने लगता है। ऑक्सीजन युक्त खून शरीर के बाकी अंगों में पहुंचने की बजाय फेफड़ों में वापिस चला जाता है, जिससे हृदय को सामान्य से ज्यादा काम करना पड़ता है। यदि छेद हृदय के ऊपरी चैंबर्स या एट्रिया के बीच हो तो इसे एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट कहा जाता है।
इस बिमारी के लक्षण जानते हैं…..
.वेंट्रिकुलर सेप्टल दोष के लक्षणों में शामिल हैं अपर्याप्त भूख
.दुर्बलता
.थकान
.बच्चों में पनपने में विफलता
.सांस लेने में कठिनाई
.तेजी से सांस लेना
.दिल बड़बड़ाहट
.अनियमित दिल की धड़कन (अतालता)
.दिल की विफलता (शरीर के बाकी हिस्सों में पर्याप्त रक्त पंप करने में हृदय की अक्षमता)
.उच्च रक्तचाप
.ईसेनमेंजर सिंड्रोम (छेद के माध्यम से रक्त प्रवाह का उलट)
.सायनोसिस (होंठ और त्वचा के लिए पीली त्वचा या नीला रंग
बचने के उपाय…
*कैथेटर प्रक्रिया
ये दिल के छेद के इलाज के लिए एक आसान और असरदार विकल्प है जिस प्रक्रिया में कैथेटर कमर की नस में घुस जाती है। इसे एनेस्थेसिया के प्रभाव में सेप्टम की ओर फैला देता है। इसके साथ ही कैथेटर की तुलना में दो छोटी डिस्क को धक्का दिया गया है, जो हृदय के अटरिया के बीच छेद को प्लग करता है। डिवाइस के चारों ओर सामान्य ऊतकों को बढ़ने में करीब छह महीने लगते हैं।
*ओपन हार्ट सर्जरी
आपके बच्चे के हृदय की स्थिति क्या है इस बारे में डॉक्टर अच्छी तरह से जांचने के बाद ही आपके बच्चे की ओपन हार्ट सर्जरी की सलाह देते हैं। ओपन हार्ट सर्जरी की मदद से जन्मजात हृदय संबंधित समस्याओं को दूर किया जा सकता है। कुछ मामलों में न्यूनतम इनवेसिव हार्ट सर्जरी का विकल्प भी हो सकता है। इस दौरान बच्चे के हृदय के छेद को कम करने की कोशिश की जाती है।
*हार्ट ट्रांसप्लांट
हार्ट ट्रांसप्लांट का नाम सुनते ही लोग काफी परेशान हो जाते हैं, जबकि एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगर दूसरे दिल का इंतजाम हो जाए और वो सही समय पर मरीज के पास पहुंचा जाए तो इससे बेहतरीन और कुछ नहीं है। लेकिन ये स्थिति तब आ सकती है जब आपका पहले वाला दिल बुरी तरह से खत्म या कार्य करने की क्षमता में न हो। ये बच्चों में जन्मजात से कई मामलों में देखा जाता है, इस दौरान जब बच्चे की हालात काफी गंभीर होती है तो डॉक्टर हार्ट ट्रांसप्लांट का विकल्प ही चुनते हैं।